श्री बाबा मोहनराम आश्रम कृष्णतीर्थ,

उत्तरप्रदेश - भारत

आरता बाबा मोहन राम जी का

Aarti Shree Baba Mohan Ram

ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नमः|

आरती नीले के असवार की खोली के सरदार की ।
बाबा मोहनराम की , कलयुग के अवतार की । ।

खोली में अवतार लियो है , नीले पर असवार हुये है ।
भक्तों पर उपकार कियो है , साधु रूपधार लियो है । ।
शोभा हलालपुर धाम की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 1 )

कानन में तेरे कुण्डल साजे , मोर मुकुट तेरे शीश पर साजे ।
पाँव पदम पीताम्बर साजे , गले वैजन्ती माला साजे । ।
महिमा राधे श्याम की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 2 )

दुष्टों को संहारा है , भक्तों को उभारा है ।
धर्म को बचाया है , कण - कण में आप समाया है । ।
मधुर धुन मुरली श्याम की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 3 )

हारे का सहारा तू ही , बिगडी का बनावन हार तू ही ।
सबका लखदाता तू ही , और जग का पलन हार तू ही । ।
जय बोलो धनश्याम की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 4 )

जो तेरी जोत मे घी चढावे , जो तेरा जौहड छाटे छांटे ।
उसके अंग संग तू साजे , भर भर मुट्ठी सक्कर बांटे । ।
अद्भुत लीला तेरे धाम की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 5 )

करे भण्डारा भरे तेरी दोज , चुग्गा जलहरी करे रोज ।
ग्वाल बाल जमावत है , रहे घर में सदा मौज । ।
कमी रहे ना धन धान की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 6 )

उमा लक्ष्मी सीता पति राम , रुक्मिणी पति बाबा मोहन राम ।
लज्जा सब की राखियो , हलालपुर के श्याम । ।
महिमा शक्ति धाम की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 7 )

आरती नीले के असवार की , जो कोई जन गावें ।
कहत गुरू श्री तेजबीर सिंह , मांगने से पहले फल मिल जावे । ।
आशा पूरी होगी सबकाम की , आरती नीले के असवार की . . . . ( 8 )

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