श्री योगपीठ वेदव्यास धर्मपीठ अखंड भूमंडलाधीश्वर धर्मचक्रवर्ती अनन्त श्री विभूषित जगद्गुरु वल्लभाचार्य महाप्रभु वैद्यराज तेजबीर सिंह खोखर “द्वारा रचित” श्री बाबा मोहन राम की उपासना |
भगवान् ने अपने भक्तों को अपना आधा नाम दान दे रखा है जैसे भग + त = भगत | प्रारंभ के दो अक्षर परमात्मा ने दान में दे रखे हैं अतः भगवान् की उपस्थिति उनका भगत है अतः भगवान् को जो याद करता है परमात्मा उनको दर्शन देते हैं और आशीर्वाद पाते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं
भक्ति से भगवान मिले, करो भक्ति से प्यार | बिना भक्ति के रीझे नहीं, दीनबंधु करतार ||